By | June 27, 2023

Bhai Bahan Ki Chudaii: मेरी बहन पंखुरी और मेरी पहली चुदाई बहुत यादगार रही, अगले दिन मम्मी और पापा दोनों ही टूर से वापस आ गये अब हम दोनों ही एक दूसरे के पास आने को तड़प रहे थे पर कुछ कर नहीं सकते थे।

मम्मी और पापा अभी कुछ दिन यहीं रुकने वाले थे उनकी अगली ट्रिप 15 दिन बाद की थी।

Bhai Bahan Ki Chudaii

पंखुरी को मुझे तड़पाने में बहुत मज़ा आ रहा था वह जान बुझ कर अपनी टॉप को उठाकर अपनी पिंक ब्रा दिखाती तो कभी अपनी चूचियों को मेरी पीठ और होठो पर रगड़ती और टच करवाती।

मैं बस उसे किसी तरह छूने को तरसता रहता पंखुरी सोफे पर स्कर्ट पहन कर बैठ जाती और पेअर उठाकर मुझे अपनी पंतय दिखाती।

उसे ऐसे देख कर मेरा मन तो करता सोफे पर ही उसकी पंतय उतार उसकी चुत को खा जायूँ और उसे वहीँ उसकी चुदाई करूँ।

वह मुझे तंग करने का कोई मौका नहीं छोड़ती, हमारे बगीचे में वह जान कर बिना पंतय के अपनी पैंट पहनती और अपनी स्पोर्ट्स ब्रा में मेरे सामने जिम करती, 

वह जान कर ऐसे ऐसे पोज़ देती की उसकी चुत उसकी पैंट से साफ़ दिख सके वह अपनी स्पोर्ट्स ब्रा की चैन भी आधा खोल कर रखती ताकि उसकी आधी चुचि मुझे साफ़ दिखे सके।

मेरे सामने ही वह कभी रनिंग करती तो कभी जम्प करती हुई एक्ससरसीसे करती ताकि उसकी उछलती हुई चूचियों को मैं देख सकूं उससे ऐसे देख मेरा लंड पूरा खड़ा हो जाता, मेरी पैंट से वह साफ़ दिखने लगता है मेरे लंड को ऐसे देख वह अपनी होठो को काटती हुई ऐसे इसरा करती की जैसे वह उसे चूस रही हो।

मैं बस मम्मी और पापा के जाने का इंतज़ार कर रहा था और मन ही मन सोच रहा था की और तड़पाओ मुझे सबका बदला लूंगा।

मैं पंखुरी अपनी चूचियों को अपने होठो से दबाती हुई मेरी और देखती तो  कभी अपने ट्रैक पैंट के ऊपर से अपनी चुत को रगड़ते हुए मुझे दिखाती।

Bahan ki chudai

उससे ऐसे देख मेरी हालत ख़राब हो रही थी।

पंखुरी: भाई तबियत ठीक है न आपको पसीने क्यों आ रहे है।

मैं: अच्छा है और तड़पाओ मुझे, एक बार मम्मी पापा को जाने दो फिर सब चीज़ का हिसाब करूँगा मैं, जितना मुझे तड़पाया है उससे ज्यादा तुम्हे तडपायूँगा अब मैं पंखुरी की चुदाई का प्लान बनाने लगा।

अगले दिन तो वह सारी हदें पार कर देती है सुबह का वक़्त था और मैं बगीचे में बैठा था तभी पंखुरी नहाने के लिए आती है उसने एक छोटी सी टॉवल लपेट रखी थी।

उसकी आधी चूचियों उसके टॉवल से दिख रही थी और टॉवल बस किसी तरह से चुत को छिपा रही थी।

उसे ऐसे देख मैं पूरी तरह तड़प उठा और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था।

पंखुरी: चलें क्या नहाने फिर से?

मैं: पंखुरी ऐसे मत तड़पाओ न प्लीज।

पंखुरी: क्या हुआ भाई? आओ न मुझे छूने का मन नहीं कार रहा क्या?

मैं: अगर घर पर कोई नहीं होता तो अब तक तुम्हारी टॉवल को तुम्हारे बदन से उतार फेक चूका होता हाय क्या दिख रही हो,  पंखुरी मेरी जान ही ले लो अब पंखुरी अब मेरे पास आती है और मेरे लंड को ऊपर से सहलाते हुए मेरी गोद में बैठ जाती है।

पंखुरी: तो उतार फेखों न किसने रोका है सब सो रहे है और अब वह मुझे किश करने लगती है फिर क्या था! मैं उसके टॉवल के अंदर हाथ डाल कर उसकी चुत को छूता हूँ और अपनी अँगुलियों से उसकी चुत की चुदाई करने लगता हूँ।

पंखुरी: बस रुक जाओ न आवाज़ अंदर तक जा रही होगी।

मैं: अब क्या हुआ ऐसे मुझे रोज़ तड़पाती हो तब? मैं अब उसकी टॉवल आगे से खोल देता हूँ वह पूरी नंगी थी फिर क्या था! उसकी दोनों चूचियों को होठो से दबाता हुआ उसे चूसने लगता हूँ।

मैं: आह मेरे रसीले आम कब से इन्हे चूसने को तड़प रहा था।

मैं उसके निप्पल को जैसे काटता उसकी चीख निकल जाती है अंदर से मम्मी आवाज़ लगाती है और वह डर जाती है।

पंखुरी: भाई छोडो मुझे मम्मी आ जाएगी, मैं उसे अब कस कर पकड़ लेता हूँ।

मैं: नहीं छोडूंगा जाओ बोलो क्या मिलेगा मुझे?

Bhai bahan ki chudai ki kahani

पंखुरी: भाई छोडो न मम्मी ने देख लिया तो मैं मर जाउंगी मम्मी पापा को जाने दो फिर तो आप जो बोलोगे मैं वह करुँगी प्लीज अभी जाने दो, मैं उसे छोड़ देता हूँ पर जैसे ही वह जाने लगती है मैं उसकी टॉवल को एक और से पकड़ लेता हूँ।

वह अब मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी, 

मैं: वाह पंखुरी देखो न उस दिन के बाद आज तुम्हे ऐसे पूरा नंगा देख रहा हूँ क्या मस्त दिखती हो यार दिल करता है तुम्हे ऐसे ही देखता रहूं।

पंखुरी: जाने दो न आप जैसे जो बोलोगे वह करूंगी प्लीज अभी नहीं, तभी रूम के दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आती है और वह डर के मारे अपनी टॉवल मेरे पास ही छोड़ कर दौड़ती हुई बाथरूम में घुस जाती है।

वाह क्या नज़ारा था तब उसके नंगे बदन को मैं ऐसे ही देखता रहता हूँ।

मम्मी: क्या हुआ कौन चिल्ला रहा था?

मैं: अरे मम्मी वह पंखुरी को टॉवल चाहिए था वह मांग रही थी।

मम्मी: तो हाथ में लेकर क्यों बैठा है दे आ उससे मैं अब बाथरूम तक जाता हूँ और अंदर देखता हूँ पंखुरी अब ही नंगी खड़ी थी वहां और डर के मारे सब सुन रही थी।

मैंने उसे टॉवल देता हूँ वह अब नहाने लगती है मैं भी बहार उसे देख कर हिलाने लगता हूँ कुछ देर ऐसे देखने के बाद मैं वहां से चाला जाता हूँ अब बस उसकी चुदाई का प्लान बनाने लगता हूँ कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा पंखुरी मुझे अलग अलग तरीके से तड़पाती रही।

वह पापा से ज़िद कर एक मोबाइल ले लेती है वह मुझे बाथरूम से वीडियो कॉल करती है और नहाते हुए अपनी नंगी बदन का दीदार करवाती है कभी अपनी ब्रा पंतय में अपनी फोटो भेजती तो कभी बिना पंतय के फोटो भेजती।

वह हर रोज़ अपनी बहुत सारी नंगी फोटो मुझे भेजती रहती और मैं सबको अपने कंप्यूटर में सेव करके रेख देता, मम्मी पापा का अब टूर पर जानने का वक़्त आ गया उनकी फ्लाइट रात 2 बजे थी तो मैं उन्हें छोड़ने के लिए एयरपोर्ट जाता हूँ पंखुरी अब घर पर बिलकुल अकेली थी।

मैं तेज़ी से कार चलने लगा ताकि जल्दी से जल्दी घर पहुँच सकू, मुझसे अब सबर नहीं हो रहा था कैसे घर जायूँ और पंखुरी के बदन से सारे कपडे फाड़ उसे नंगा करू और उसकी पूरी रात चुदाई करूँ ये सोच सोच कर मैं पागल हो रहा था।

फिर मैंने सोचा की आज मैं उसे तड़पता हूँ मैं अब अपने दोस्त के मेडिकल शॉप पर जाता हूँ।

मैं: यार कोई ऐसी दवा है जिसे खाने के बाद लड़की चुदवाने के लिए तड़प उठे जैसे लड़को के लिए वियाग्रा होती है वैसे कुछ है क्या?

Bhai aur bahan ki chudai

किरण: हा तो पर किसकी चुदाई का प्लान है कहीं तुम्हारी ऑफिस वाली पूजा का तो नहीं?

मैं: नहीं यार वह तो छूटियों में घर गयी है किरण और मैं बचपन के दोस्त थे वह मुझे और मैं उससे सब बातें बताता था।

किरण: तुम्हारे मम्मी पापा टूर पर जानने वाले थे न आज तो कोई घर पे किसी आइटम को बुलाकर चुदाई का प्लान है साले अकेले अकेले, आज दोस्त को भूल गया जा नहीं देता दवाई।

मैं: नहीं बे पंखुरी घर पर है।

किरण: हाँ मैं तो भूल की गया अबे तो क्या उससे ही? मान गयी क्या वह? वाह यार क्या किस्मत है तेरी कब कैसे हुआ ये?

मैं: तू तो जानता है कब से मैं उससे चोदना चाहता था।

किरण: फिर तोह 10-15  दिन दोनों अकेले बाबा रे क्या करोगे दोनों मिलकर तुम्हारी बहन तो बहुत मस्त दिखती है यार मेरा कोई चांस है क्या राजीव?

मैं: अबे अभी तो मुझसे चुदवाने को राज़ी हुई है कुछ दिन रुक जाओ सब मिल बाँट कर खाएंगे उसे अभी कोई दवाई है तो दो।

किरण: हैं ना एक चॉक्लेट की तरह आता है एक पैकेज खिला दो तो 24 घंटे तक असर रहेगा बस इसे खिला दो राजीव फिर देखना पंखुरी की हालत वह चुदवाने के लिए पागल हो जाएगी और अपने कपडे फाड़ कर कहेगी ‘आओ राजीव खा जाओ मुझे’

किरण: तुम चोदते चोदते  थक जाओगे पर वह चुदवाती हुई नहीं थकेगी इससे खाने के बाद तो तुमसे क्या, उसे जो भी मिलेगा उसे चुदवाने को तड़प उठेगी वह बहुत पोवेर्फुल दवाई है ये और हाँ बारिश में तो इसका असर और ज्यादा होता है

किरण मुझे उसके 2-3  पैकेट दे देता है तभी पंखुरी का कॉल आ जाता है।

मैं: क्यों डर लग रहा है क्या? कुछ चाहिए क्या तुम्हे?

पंखुरी: बहुत कुछ चाहिए जल्दी आजाओ ना।

में: क्या तड़प है और इतने दिन से मुझे जो तड़पा रही हो उसका क्या आ रहा हूँ मेरी रानी सबका हिसाब लूंगा आज।

पंखुरी: सब कुछ तो आपका ही है लेलो न पर जल्दी आ जाओ मुझे डर लग रहा।

किरण: भाई तेरी बहन तो चुदवाने को तड़प रही यार मुझे भी ले चल न मेरा दिमाग खराब हो रहा है पंखुरी के बारे में सोच कर क्या मज़ा आएगा यार तुम्हे तुम्हारी किस्मत पे जलन हो रहे है।

मैं: बस एक दो दिन और सबर कर ले फिर तेरी ये दवाई खिलाकर उसे तेरे सामने खड़ा कर दूंगा।

किरण: पर आज उसकी वीडियो बनाकर तो दिखाओगे न आह क्या नज़ारा होगा वहा।

मैं: हाँ पक्का चल अब चलता हूँ आज पंखुरी की सारी प्यास भुजा दूंगा, फिर क्या था मैं जल्दी जल्दी घर पहुंच जात्ता हूँ पंखुरी गेट पर ही वेट कर रही थी।

Bhai bahan ki chudai hindi mein

मैं जल्दी से गेट बंद करता हूँ और वहीँ पंखुरी को किश करता हुआ गोद में उठा कर बगीचे तक ले आता हूँ, बारिश अब तेज़ होने लगी थी इससे पहले के मैं कुछ कहता वह मेरे पॉकेट से वह दवाई की तीनो पैकेट ले लेती है।

पंखुरी: अच्छा ये चॉक्लेट मेरे लिए सब मेरा है तुम्हे कुछ नहीं मिलेगा, मैं उसे रोकता इससे पहले ही वह एक पैकेट खा लेती है मैं अब उसे बाकि पैकेट लेने की कोशिश करने लगता हूँ हम दोनों बारिश में ऐसे ही बिंघने लगते है।

मैं: पागल मत बनो दे दो नहीं तो गड़बड़ हो जायेगी बात,  मैंने मेरी ये कुछ और है पर तब तक वह एक और पैकेट खोल कर खा लेती है।

मैं अब दौड़ कर उससे तीसरा पैकेट छिन लेता हूँ अब उसके बदन पर दवाई का असर होने लगता है पंखुरी ने वाइट कलर की सूट और ब्लैक लेग्गिंग्स पेहेन रखी थी।

वह अब दवाई के नसे में बगीचे में ही नाचने लगती है उसकी वाइट सूट अब ट्रांसपेरेंट हो चुकी थी और उसकी पिंक ब्रा साफ़ दिखाई देने लगी थी बारिश में पंखुरी का बीघा बदन देखर कर मेरा मन मचल उठता है।

वह अब मुझे अपने पास बुलाती है और मुझमे लिपट जाती है मैं उसे किश करता हूँ और उससे गोद में उठाकर दिवार के सहारे खड़ा करता हूँ उसकी ट्रांसपेरेंट सूट पर से उसकी पिंक ब्रा मुझे पागल कर रही थी।

मैं अब उसके सूट पर से ही उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगता हूँ उसके बदन पर जैसे शीरन सी उठती है 

पंखुरी: हाँ भाई बहुत अच्छा लाग रहा है मेरी इन् चूचियों को चूस चूस कर खाओ न भाई, उसकी ये बाते मुझे और जोश चढ़ा रही थी मैं बहन को अपनी गोद में उठा कर वहीँ ज़मीन पर लेटा देता हूँ।

ज़मीन पर लेटते ही उसके पूरा बदन पर अब बारिश की बूदें गिरने लगती है वह ज़मीन पर ऐसे ही मचलते हुए कभी अपनी चूचियों को सहलाती है तो कभी अपने लेग्गिंग्स के ऊपर से अपनी चुत को, 

पंखुरी: आओ न भाई अब डर क्यों कर रहे हो अब तो घर पर कोई नहीं है हम दोनों बिलकुल अकेले है हम जो करना चाहे कर सकते है मैं अब उसकी सूट को ऊपर से पकड़ता हूँ और उसकी सूट ऊपर से फाड़ कर उसके बदन से उत्तार फेकता हूँ उसकी पिंक ब्रा उसके बीघे बदन पर क्या लग रही थी।

पंखुरी: हाँ भाई मेरे बदन पर ये कपडे अच्छे नहीं लग रहे, हाँ उतार फेको न इससे आप तो कब मेरे कपडे उतार मुझे नंगी करना चाहते हो,

अब देर मत करो न भाई मुझे अपने हाथो से नंगा करो न भाई आपकी बहन आपके सामने नंगी होना चाहती है अब तो दवाई का और ज्यादा असर होने लगा था।

Chhoti bahan ki chudai

वह अब चुदवाने को बेक़रार थी।

पंखुरी: मैं आज आपको अपना सब कुछ देना चाहती  हूँ ऐसा कहकर वह अपने पैर फैलाकर मेरा सर अपने चुत पर सटा देती है फिर क्या था! मैं उसकी चुत को लेग्गिंग्स के ऊपर से ही मसलता हुआ चाटने लगता हूँ उसकी बेताबी का तो ठिकाना नहीं था।

पंखुरी: हाँ भाई हाँ ऐसे और करो न हाँ ये चुत आपकी है इससे खा जाओ न भाई, मैं उसकी चुत को काटा उसकी नैवेल पर किश करता हुआ दोनों होठो से उसकी चूचियों को दबा रहा था।

वह सिसकी लेती हुई कहती है ।

पंखुरी: भाई और मत तड़पाओ न मेरी ये ब्रा पंतय उतार फेको न भाई मैं पूरी तरह नंगी होकर आपकी बाहो में आना चाहती हूँ आओ न भाई खा जाओ मुझे आपकी बहन आपसे चुदवाने के लिए तड़प रही है।

अब मैं उसकी लेग्गिंग्स को दोनों और से पकड़ता हूँ और उसकी झांगून से उससे जैसे नोच कर निकाल फेकता हूँ उसने अंदर एक रेड पंतय पहन रखी थी जैसे ही उसके बदन से उसकी लेग्गिंग्स अलग होती है वह और मदहोश हो उठती है।

पंखुरी: हाँ भाई ऐसे चाहती हूँ मैं सब कुछ उतार फेकों न, मैं अब मन ही मन सोचता हूँ मुझे इतने दिनों से तड़पा रही है अब तो मैं भी इससे तड़पाऊंगा इससे रोड पर ले जाकर ही इसकी चुदाई करूँगा।

ये सब सोच कर मेरी धड़काने तेज़ होने लगी थी अभी रात के २ बज रहे थे हमारे यहाँ रात को 10 बजे के बाद रोड सुनसान हो जाता है अब तो मैंने बहन को रोड पर ही चोदने की ठान ली, पंखुरी पर अब दवाई का पूरा असर होने लगा था ।

वह वहीँ ज़मीन पर लेटी हुयी चुदवाने  को तड़प रही थी।

पंखुरी: मैं पागल हो जयुंगी और न तरसाओ मुझे।

मैं: मुझे इतने दिनों से तड़पाया है न तो अब मैं तुम्हें भी तब ही चोदुगा जब तुम मुझसे चुदवाने की भीख मांगोगी, 

पंखुरी: हाँ भाई अब करो न चोदो ना, मुझे मैं भीख मांगती हूँ मेरी चुत में आग सी लगी है मेरी चुत की प्यास भुझे दो न आपको मेरी कसम।

मैं: पक्का अब तो मैं तुम्हे रोड पर ले जाकर चोदुगा बोल, 

पंखुरी: ले चलो जहा ले चलना है मुझसे और कण्ट्रोल नहीं होता मुझे जल्दी से ले चलो न रोड पर मैं भीख मांगती हूँ अपनी बहन को और न तडपाओ इस बारिश में मुझे रोड पर लेटा कर चोदो न भाई मैं रात भर ऐसे ही रोड में चुदवाना चाहती हूँ, 

अपनी बहन की मुंह से ऐसे बाते सुन कर मैं ख़ुशी से झूम उठा मेरी बहन मेरे सामने ब्रा पंतय में पड़ी थी मैंने उसे गोद में उठाया और उससे रोड पर ले गया, जैसे ही मैं उससे रोड पर लेकर आया वह शर्म से पानी पानी होने लगी।

Bhai bahan ki chudai kahani

पंखुरी: देखो न भाई मैं कैसे ब्रा पंतय में ही रोड पार आ गयी।

मैं: 10 सेकंड बाद तो वह भी नहीं बचेगा तुम्हारे बदन पर, वह शरमाते हुए मुझमे और जोर से लिपट जाती है मैं अब रोड के बीचो बिच लेकर उसे लेटा देता हूँ मेरी बहन अब ब्रा पंतय में इस बारिश में रोड पर पड़ी थी, मैं सोच रहा था किसी ने घर से झांक कर भी देख लिया तो उसे सब कुछ दिख जायेगा पर मुझे तो आज उससे रोड पर चोदना ही था रोड पर पानी बह रहा था और बहन वैसे ही पानी के बीच लेटी हुई तड़प रही थी, बारिश की बूँदें उसके बदन को कैसे छू रही थी।

वह तो पूरी मदमस्त को चुकी थी दवाई के नसे में वह रोड पर भी चुदने को रेडी हो गयी थी।

मैं अब पंखुरी पर टूट पड़ा, मैंने उसके रसीले होठो को किश किया और उसके गले से होते हुए उसकी चूचियों पर आ गया उसकी पिंक ब्रा को दोनों हाथो से उपर से ही मसलने लगा।

वह सिकियाँ लेती हुई मचल रही थी मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके निप्पल को दातों से काटा फिर दोनों हाथो से उसकी चूचियों को दबाता हुआ उसकी नैवेल को किश किया।

उसकी रेड पंतय पर उसकी चुत का उबार साफ़ दिख रहा था उसने अपनी चुत सुबह ही शेव की थी मैंने पंखुरी की जांघों को किश किया और उसकी चुत को सहलाने लगा।

अब तो उसकी तड़प सातवे आसमान में थी॥

पंखुरी: हम्म हाँ उफ़ करो न अब करो भी दो न अब मुझसे और कण्ट्रोल नहीं हो रहा था उसकी गीली पिंक ब्रा और रेड पंतय मुझे पागल कर रही थी उसके बदन को ब्रा पंतय से आज़ाद करने का टाइम आ गया था।

मैंने ब्रा की दोनों स्टॉप को उसके होठो से सरकाया और एक पल में उसकी ब्रा को उसकी चूचियों पर से उतार फेखा जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला उसने अपनी चूचियों को होठो से छुपा लिया।

मैं: अब कैसी शर्म पंखुरी? अब तो तुम्हारी इज़्ज़त मेरे हाथो मे है उसे आज रात यहीं रोड पर नीलाम करूँगा और ऐसे कहते हुए उसके हाथो को उसके सर पर रखता हूँ उसकी नंगी चूचियों मेरे आँखों के सामने थी और मैं उन पर टूट पड़ा बारिश की बूँदें को उसकी चूचियों पर से चूस चूस कर कहने लगा, कभी उसकी निप्पल को काटता तोह कभी उसकी चूचियों को मुंह में भर लेता उसकी सिसकियाँ अब तेज़ होने लगी थी।

5-मिनट तक मैं ऐसे ही उसकी चूचियों से खेलता रहा और उसे दोनों हाथो से दबा दबा कर चूस रहा था।

मैं उसके बदन से बारिश की बूदों को पीता हुआ उसकी चुत की और बढ़ा मैं जैसे ही उसकी पंतय को दोनों और से पकड़ा उसने अपना पैर मोड़ लिया मैंने अब उसकी पंतय को उसके झांगों से होते हुए उसके बदन से नोच कर उतार फेंखा।

वह बुरी तरह से तड़प उठी और मुझे अपनी बाहो में भर लिया मेरी बहन अब पूरी तरह से नंगी होकर रोड के बीचो बीचो पड़ी थी क्या नज़ारा था वह सब कुछ हद में रिकॉर्ड हो रहा था।

Bhai bahan ki chudai ki video

पंखुरी: देखो न भाई मैं कैसे रोड पर नंगी हो गयी हूँ मेरे बदन पर कपडे का एक दाग तक नहीं है।

मैं: तुम्हे डर नहीं लग रहा है किसी ने देख लिया तो?

पंखुरी: देख लेने दो भाई मैं उसे भी अपनी चुत का स्वाद चखायूँगी जल्दी करो न और रहा नहीं जाता प्लीज मैं भीख मांगती हूँ करो न भाई चाट खाओ न मेरी चुत और ऐसे कहते कहते वह 10 सेकंड में मेरी शर्ट और पंत उतार फेकती है 

हम दोनों अब रोड पर पूरी तरह से नंगे होकर बारिश में भीग रहे थे मैंने अब उसकी चुत को किश करता हूँ और उसकी चुत पर पड़ती बारिश की बूंदों को चाट कर खाने लगता हूँ ।

मैं जैसे ही उसकी चुत को दाँतो से काटा हूँ वह मेरे सर पकड़ लेती है और जोर जोर से अपनी चुत पर रगड़ने लगती और मैं उसकी चुत को अंदर तक अपनी जीभ से चाटने लगता हूँ कुछ देर ऐसे ही उसकी चुत खाता हूँ और उसकी चुत का पानी पी जाता हूँ।

वह मचल उठती है और अपने पेअर फैला कर कहती है।

पंखुरी: बहुत हुआ ये बही अब तो अपने लंड का स्वाद चखा दो न मेरी चुत को वह कब से तड़प रही है उसकी ऐसी हालत मुझे दीवाना बना रही थी।

मैंने अब अपना लंड लिया और एक झटके में उसकी चुत में डाल दिया वह चीक पड़ीं।

पंखुरी: हाँ भाई और करो न और जोर से करो न फाड़ डालो न मेरी चुत ये चुत आपके लंड की प्यासी है कब से।

मैं: हाँ मेरी पंखुरी आज पूरी रात तुम्हे ऐसे ही रोड पर चुदुँगा रे मैं कुछ देर ऐसे ही उसकी चूचियों को मसलता हुआ उसकी चुदाई करता हूँ मैं जैसे हो झड़ने वाल होता हूँ की वह कहती है।

पंखुरी: बहार मत निकालो न लंड यहीं अंदर गिरा दो न सब, मैंने पिल्स खा ली है फिर क्या था मैं पागलों की तरह उससे चोदने लगता हूँ और उसके अंदर ही झड़ जाता हूँ मेरे लंड का पूरा पानी उसके अंदर ही निकाल देता हु, अब मेरी बारी थी मैं अब वहां रोड पर लेट जाता हूँ और वह मेरा लंड चूसने लगती है जैसे की वह को लॉलीपॉप हो और कुछ देर उससे चूसें के बाद वह कूदते हुए मेरे लंड पर आ जाती है।

पूरा लंड उसकी चुत में समा जाता है वह उछल उछल कर चुदवाने लगती है क्या नज़ारा था वह तेज़ बारिश में हम दोनों रोड में चुदाई का मज़ा ले रहे थे

Sagi bahan ki chudai

उसके बदन से बारिश का पानी मेरे बदन पर आ रहा था और उसकी चुत से होते हुए मेरे लंड पर जा रहा था।

पंखुरी: देखो न भाई कैसे अपप्का लंड मेरे चुत में जा रहा है कैसे सब शर्म बेच खाई है मैंने, मैंने उसकी दोनों चूचियों को हाथो में पकड़ रखा था और वह लंड पर उछल उछल कर चुद रही थी कभी उसकी निप्पल को चूसता तो कभी उससे चाटता,

वह पूरी तरह मदमस्त होकर चुदवाती रही थी हम दोनों की खुसी का ठिकाना नहीं कैसे पागलों की तरह रोड पर चुदाई कर रहे थे।

हमने 2 घंटे तक वहीँ चुदाई करते रहे उसकी ब्रा और पंतय वहीँ रोड किनारे पड़ी थी उसकी पंतय फट चुकी थी।

फिर मैंने देख थे 3-4  लोग रोड पर आ रहे हैं पंखुरी अब भी मेरे लंड पर कूद रही थी।

मैं: पंखुरी देखो कोई आ रहा है

पंखुरी: तो आने दो न भाई उनको भी मज़ा लूटने दो मैं आज दिन रात चुदना चाहती हूँ वह तो दवाई के नशे में मदमस्त थी उससे कोई ख्याल नहीं था उसे तो बॉस चुदवाना था।

मैं जल्दी से उठता हूँ और उससे गोद में उठाकर भागता हुआ घर की और जाता हूँ,

पंखुरी अब भी मुझसे लिपट कार मुझे किश कर रहे होती है मैं गेट पर लात लगता हूँ।

मैं: पंखुरी तो कैसी रही चुदाई कोई कमी तो नहीं रही कैसा तुम रोड पे छुड़वा रही थी।

पंखुरी: हाँ भाई मैं तो कबसे ऐसे रोड पे चुदवाना चाहती थी यह तो मेरी सबसे बड़ी फंतासी थैंक्स भाई अपने आज मेरी ये ख्वाइश पूरी कर दी चलो न फिर से बहार चलते है आपने तो कहा था की आज पूरी रात बहार रोड पर चुदाई करेंगे।

वह तो नशे में थी अब उसे कौन समझाये की 4 लोग बाहर उसे खोज रहे थे

Bahan ki chudai ki kahani

मैं सोच रहा था की उन्होंने हमें नहीं देखा था पर मैं गलत था उन्होंने गेट बंद करके की आवाज़ सुन ली थी जैसे ही उन्होंने पंखुरी की पिंक ब्रा और उसकी फटी हुई रेड पंतय रोड किनारे देखि वह समझ गए की यहाँ पक्का कोई चुदाई कर रहा था।

वह दौड़ते हुए गेट तक आ जाते है हम दोनों अब भी पूरी तरह नंगे थे मैं अब भी पंखुरी को ऐसे ही गोद में उठाये हुए था ।

उन्हें देख कर तो मैं पूरा डर गया था पर पंखुरी को कुछ होश नहीं था उसकी नज़र जैसे ही उन लड़को पर पड़ीं वह उन्हें देख कर स्माइल करने लगी।

पंखुरी की चुत की प्यास अब भी नहीं भुझी थी अब आगे क्या हुआ इससे जाने के लिए पार्ट 3 जर्रूर पढ़े

इस कहानी का पिछला भाग पढ़ने के लिए:—> बहन की चुदाई हुयी तड़फा कर

हमारी वैबसाइट से चुदाई की मस्त कहानिया पढ़ने के लिए यहा क्लिक करे-> www.xstory.in

Read More Sex Stories….

4 Replies to “बहन की चुदाई बारिश मे सड़क पर 2”

  1. Pingback: भाभी और माँ की चुदाई एक साथ Bhabhi ki Chudai ki kahani

  2. Pingback: भाभी और माँ की चुदाई एक साथ 2 Bhabhi ki chudai ki Story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *