By | May 27, 2023

Sagi Mummy ki chudai kahani: हैलो दोस्तो, कैसे हो आप सब, मैं आपका दोस्त एक बार फिर मम्मी के साथ घर पर किया सेक्स अब आगे।

फिर मैं मम्मी के ऊपर आ गया. और उनके पेट और नाभि को चाट ते हुए. मैंने उनकी चुचि मुँह में भर ली. इधर मैं मम्मी की चुचि चूस रहा था. और नीचे मेरा खड़ा लंड उनकी चुत पर दस्तक दे रहा था.

Sagi Mummy ki chudai kahan

मम्मी अपनी आँखों पर हाथ रखकर लेटी थी. मैं उनकी चुचि को खींच खींच के चूस रहा था. फिर मैंने मम्मी की आँखों से हाथ हटाया. और हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे. मैंने आँखें बंद करके अपने होंठ उनके होंठों से मिला दिए. और उन्होंने भी मेरी गर्दन में अपने हाथ डाल दिए. मैं मम्मी के होंठों को चूसने लगा. और साथ ही साथ मैं फिर से उनकी चुत सहलाने लगा. कुछ देर मम्मी के होंठों को चूसने के बाद मैं उठ गया.

मेरा खड़ा लंड अंडरवियर के अंदर से साफ़ दिख रहा था. और मेरा लंड मम्मी के मुँह काफी पास था. फिर मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया. और मेरा खड़ा लंड उछाल के बहार निकल आया.

मम्मी मेरा लंड ही देख रही थी. फिर मैंने मम्मी का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रख दिया.

Apni Sagi mummy ki chudai kahani

मम्मी ने भी मेरा लंड पकड़ लिया. फिर मैंने मम्मी के हाथ पर हाथ रखकर. अपने लंड को आगे पीछे करवाने लगा. पहले 5-6 बार मैंने खुद के हाथ से ऐसा करवाया.

मगर उसके बाद मम्मी खुद मेरा लंड आगे पीछे करने लगी. मम्मी की नज़र मेरे लंड पर ही थी. वह उसे आगे पीछे कर रही थी. मैंने भी मौके का फायदा उठाया.और अपनी 2 उंगलिया मम्मी की चुत में डाल दी.

मम्मी मेरा लंड आगे पीछे कर रही थी. मैं उनकी चुत को फिर से गरम कर रहा था. मम्मी के हाथ में आते ही लंड और जयादा टाइट हो गया था.और ऊँगली करने से मम्मी की चुत भी गीली हो चुकी थी. Sagi Mummy ki chudai kahani:

अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था. मैं फिर से मम्मी की टांगो के बीच आ गया. मम्मी मुझे ही देख रही थी. फिर मैंने थूक लिया और उसे अपने सुपडे पर लगा लिया.और बिना देर किये सीधा अपने लंड को मम्मी की चुत में डाल दिया.

लंड के अंदर जाने में कोई परेशानी नहीं हुई. वैसे भी मम्मी मेरा लंड पहले भी ले चुकी थी.लंड के अंदर जाते ही मम्मी ने आँखे बंद कर ली. मैं उनके ऊपर झुककर धक्के लगाने लगा. मेरे हर धक्के में मम्मी की चूचिया ऊपर नीचे हो रही थी.

मम्मी भी अपनी नाक को सिकोड़ रही थी.कुछ देर तक मैं हाथ टिकाये धक्के लगता रहा. फिर मैं मम्मी से बिलकुल चिपक गया. और धक्के लगाने लगा. मम्मी ने भी अपने घुटनो को मोड़ रखा था. और अब धक्के लगने से थप थप की आवाज आ रही थी. मैं धक्के लगते हुए मम्मी की दोनों चूचिया बारी बारी से चूस रहा था.

मम्मी का भी हाथ मेरी पीठ पर आ गया था. मम्मी अब पूरी तरह से राज़ी हो गयी थी. बस वह अभी खुल के साथ नहीं दे रही थी.

मगर फिर भी मज़ा हम दोनों ही ले रहे थे. मैंने चूस चूस के मम्मी की चूचिया लाल कर दी थी. फिर मैं मम्मी के ऊपर से उठ गया. मेरा लंड मम्मी की चुत के पानी से पूरा गिला हो चूका था. फिर मैं मम्मी की कमर पकड़ के उन्हें पलटने लगा. मम्मी भी मेरी बात समझ गयी. वह खुद पलट गयी. मगर तभी मैं मम्मी से बोला. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मैं – मम्मी आप अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठा लो और अपना सर तकिया पर रख लो.

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मेरी बात सुनते ही मम्मी ने ठीक वैसा ही किया. मम्मी की बड़ी और गोरी गांड एक दम उठके मेरे सामने थी. मम्मी की गांड का वह छेद मुझे पागल कर रहा था और उसे देखकर. मेरे मुँह में पानी आ रहा था.

अगर ऐसे गांड देखकर भी आप उसे न चाटो. तो लानत है खुद पर. मैंने मम्मी की गांड को पकड़ा और उसे फैला के चाटने लगा. मेरी जीभ मम्मी की गांड के छेद में घुसी जा रही थी.और मुझे उनकी गांड चाटने में मज़ा आ रहा था.

मैं अपनी जीभ से मम्मी की गांड की चुदाई कर रहा था. और मेरी जीभ की वजह से मम्मी की गांड का छेद खुल रहा था.

मैंने अपनी ऊँगली पर थूक लगाया और उसे हलके से मम्मी की गांड में डाल दिया. मम्मी के मुँह से आउच करके आवाज निकली. और तभी उन्होंने पीछे मूड के देखा और बोली.

मम्मी – बेटा वहा मत कर मुझे दर्द हो रहा है.मैंने मम्मी को देखकर स्माइल किया. और एक बार फिर से उनकी गांड को चाटने लगा. कुछ देर गांड चाटने के बाद मैंने फिर से अपना लंड चुत में डाल दिया.

मम्मी की गांड पकड़ के चुदाई करने लगा. कमरे में थप थप की आवाज गूंज रही थी. अब मम्मी के मुँह से भी मॉनिंग की आवाज निकल रही थी. फिर मैंने चुदाई करते हुए. मम्मी की दोनों चूचिया पकड़ ली. और धक्के लगते हुए उनकी दोनों चूचियों को मसलने लगा.

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कुछ देर धक्के लगाने के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया. मम्मी को सीधा कर दिया. फिर से उनकी चुत में लंड डाल दिया.

फिर मैंने मम्मी को अपनी बहो में उठा लिया.और खुद अपनी पीठ की तरफ गिर गया. इससे मम्मी मेरे लंड पर बैठे बैठे मेरे ऊपर आ गयी. अब में नीचे लेटा था. मम्मी मेरे लंड पर बैठी थी.

फिर मैंने मम्मी की गांड पर हाथ रखा.और उनकी गांड को पकड़ के आगे पीछे करने लगा. मम्मी को ऐसे अपने लंड पर बैठा देखकर बहुत मज़ा आ रहा था. मम्मी के पास भी पकड़ने के लिए कुछ नहीं था.

इसीलिए उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे पेट पर रख लिए. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मैं उनकी गांड को पकड़ के अपने लंड पर मार रहा था. कुछ देर मैं ऐसा करता रहा. फिर मैंने देखा मम्मी खुद अपनी गांड मेरे लंड पर मार रही थी.ये देखकर मैंने अपना हाथ हटा लिया.

मम्मी की दोनों चूचिया पकड़ ली. मैं मम्मी की दोनों चूचिया मसलने लगा. मम्मी खुद अपनी कमर मेरे लंड पर चलाने लगी. फिर मैंने मम्मी को पकड़ के अपने ऊपर झुका लिया. और हम दोनों के नंगे बदन आपस में चिपक गए.

फिर मैं और मम्मी एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. मैं नीचे से अपनी कमर उठा उठा के धक्के लगाने लगा. मम्मी और मैं एक दूसरे में खो गए थे. अब मम्मी भी खुल के मेरे होंठों को चूस रही थी.

शायद चुदाई के नशे ने उन्हें भी सब कुछ भुला दिया था. वह पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी.मम्मी अपनी कमर अच्छे से चला रही थी.

फिर एक एक वह अपनी कमर तेज तेज चलने लगी. और कुछ देर बाद वह मुझसे चिपक गयी. मम्मी की तेज और गरम साँसे में महसूस कर रहा था. उन्हें फिर से पीठ के बल लिटा दिया.

मेरा लंड बहुत गिला हो चूका था. क्युकी मम्मी अपनी चुत का पानी निकाल चुकी थी. फिर मैं भी धक्के लगाने लगा. और कुछ ही देर में मेरा भी पानी निकालने ही वाला था

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जैसे ही मेरा पानी निकलने लगा. मैंने अपना लंड निकाल लिया. और सारा पानी मम्मी के पेट और उनकी चूचियों पर निकाल दिया. मैं वही बैठे बैठे हाफ रहा था. मम्मी लेटे लेटे हाफ रही थी.

फिर मैंने पास पड़ी अपनी बनियान उठायी. और उससे मम्मी का पेट और चूचिया साफ़ कर दी. फिर मैं मम्मी के बगल में आके लेट गया और उनके साइड से चिपक गया. मम्मी की चुचि साइड में लटक रही थी.

तो मैंने उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगा. मम्मी अपनी आँखों पर हाथ रखकर लेटी हुई थी. मैंने मम्मी का हाथ आँखों से हटाया.तो मम्मी मेरी तरफ देखने लगी.

मैं -क्या हुआ मम्मी आप इतनी गुमसुम क्यों हो?मम्मी -बेटा जो हमने किया है. वह सही नहीं है. मुझे बहुत अजीब लग रहा है.

मैं – मम्मी बस एक बार ये बता दो. जो प्यार हमने अभी अभी किया है. क्या वह आपको अच्छा लगा या नहीं. बस ये बताओ.

मम्मी – हा बेटा अच्छा तो लगा. मगर हमारा रिश्ता माँ बेटे का है. और उसमें ऐसा नहीं होता है.

मैं – मम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हु. और सिर्फ इसके लिए नहीं की मुझे आपके साथ सेक्स करना है. मैं वैसे भी आपसे प्यार करता हु. और अगर इसके बीच हमें कुछ खुसी के पल मिलते है. तो इसमें गलत क्या है?

मम्मी मेरी आँखों में देखने लगी. मैंने उनके माथे को चुम लिया. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मैं – वैसे मम्मी चोर तभी चोर कहलाता है. जब उसकी चोरी पकड़ी जाती है. और वैसे भी हमारे मामले में तो चोर भी घर का है. वह लूट भी घर का खजाना ही रहा है. मम्मी मेरी बात सुनके हसने लगी. और उन्हें हस्ता देखकर मैं भी हसने लगा. फिर मम्मी बोली.

मम्मी -बेटा मैं तुझे एक बात पूछो तू सच सच बताएगा.

मैं – हा मम्मी जो पूछना है पूछ लो.

मम्मी -बेटा दुनिया में बहुत सुन्दर सुन्दर लड़किया है. तेरे आस पास भी काफी लड़किया होगी. मगर तू मेरे साथ ही क्यों ऐसा करना चाहता था.

मैं – मम्मी सच कहु तो मैंने भी कभी नहीं सोचा था की मैं आपके साथ सेक्स कर पाउँगा. मैंने पहले कभी आपको ऐसी नज़र से देखा भी नहीं था. मगर एक दिन मैंने आपको कपडे बदलते देखा था.

उस दिन पहली बार मैंने आपको बिना कपड़ो के देखा था. वैसे तो मुझे शर्म आनी चाहिए थी.

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मगर उस दिन मैं आपको बेटे की तरह नहीं बल्कि एक मर्द की तरह देख रहा था.उस दिन के बाद से मैं हर रोज आपको देखता था. मेरी नज़र हर समय आप पर ही होती थी. और उसके बाद मुझे पता ही नहीं चला की कब मैं आपको प्यार करने लगा. बस आपसे कहने की हिम्मत नहीं थी.

क्युकी ये रिश्ता इतना भी आसान नहीं है. मगर जब हम लोग घूमने गए. तो वह मैं और आप अकेले थे. मुझे उससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता था. इसीलिए वहा पर मैं वह सब भी कर बैठा.Sagi Mummy ki chudai kahani:

जो यहाँ रहते मैं कभी नहीं कर पता.

मम्मी – वैसे तुझे कैसे मालूम चला की तेरे पापा अब मुझे टाइम नहीं देते है?

मैं -मम्मी वह बस मैंने ऐसे ही कह दिया था. क्युकी इस उम्र मैं आके औरते अकेली ही हो जाती है. इसीलिए तो वह बहार चक्कर चला लेती है.

मम्मी – मुझे नहीं मालूम था की मेरा बेटा औरतो के बारे में इतना सब कुछ जनता है.

मैं – मम्मी औरतो का तो नहीं पता. मगर अपनी मम्मी के बारे में सब जनता हु. वैसे मम्मी अब आप मुझे प्यार करने से रोकेगी तो नहीं.

मम्मी – जब मैंने तुझे रोका था. तो क्या तू रुक गया था? तो अब क्या रोक पाऊँगी मम्मी की बात सुनके हम दोनों हसने लगे. फिर मैं अपना हाथ हलके से मम्मी की चुत पर ले गया और उसे सहलाने लगा. मम्मी वैसे ही लेटे लेटे मुझे देखने लगी.

मेरा लंड भी बाते करने से खड़ा हो गया था.फिर मैंने मम्मी का हाथ अपने लंड पर रख दिया. मम्मी भी मेरा लंड सहलाने लगी. हम दोनों एक दूसरे को गरम कर रहे थे. और तभी मम्मी बोली.

मम्मी – देख बेटा अब हमारे बीच ये रिश्ता भी है. तो हमें थोड़ा संभल के रहना पड़ेगा.

मैं -हा मम्मी मैं समझता हु. मैं बिलकुल संभल के रहूँगा. आपको भरोसा नहीं है क्या?

मम्मी – तेरा समझना मैं अच्छे से जानती हु. वह इतनी भीड़ में सबके होते हुए भी तू मेरी गा….मम्मी गांड बोलते बोलते रुक गयी.

मैं – मम्मी तब आप मानी नहीं थी. इसीलिए मौका का फायदा उठाके. मैं आपकी गांड को दबा रहा था. मगर अब तो आप भी मेरी हो. और आपकी गांड भी मेरी है. जब मन करेगा जी भर के चाटूँगा.

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मम्मी – बेटा तू पागल हो गया है. और तू मेरे पीछे क्यों चाट ता है. वह गन्दी जगह होती है. वहा मत चाट कर

मैं – मम्मी लगता है पापा ने कभी आपकी गांड को नहीं चाटा है. वैसे सच बताओ जब मैं आपकी गांड को चाट ता हु. तो आपको अच्छा लगता है या नहीं.

मम्मी -हा बेटा अच्छा लगता है. मगर वह जगह तो गन्दी है न. कही तू ये सब वह गन्दी वीडियो से तो नहीं सिख है.

मैं – मम्मी आप भी वह वीडियोस देखती हो. मुझे तो ये मालूम ही नहीं था. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मम्मी -हा कभी कभी तेरे पापा के साथ देखती हु. उसी में ये सब होता है.

मैं – हा मम्मी उसी में होता है. मगर मुझे लगता है. पापा ने सिर्फ आपको वह वीडियो दिखाई है. कुछ किया नहीं है वैसा.

मम्मी -हा हम दोनों सिर्फ देखते है. मगर जब तूने मेरे पीछे चाटा था. तो मैं समझ गयी थी. तू भी वह गन्दी वीडियो देखता है.

मैं – मम्मी सेक्स में कुछ गन्दा नहीं होता है. बल्कि सच कहु तो मैं हर पल आपकी चुत और गांड को चाटना चाहता हु. उसका स्वाद मुझे दुनिया का सबसे अच्छा स्वाद लगता है.

मेरी बात सुनके मम्मी ने अपना सर पकड़ लिया. फिर मैं उनकी चुत और गांड को चाटने लगा. मम्मी की चुत का पानी मैंने कई बार निकाल दिया.

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फिर हम दोनों चुदाई करके वही सो गए.शाम को मेरी आँख खुली. तो मम्मी बेड पर नहीं थी. मगर मैं नंगा ही लेटा हुआ था.

फिर मैं बेड से उठा और कपडे पेहेन लिए. जब मैं बहार आया. तो मम्मी किचन में काम कर रही थी.

मैं सीधा किचन में गया. और उन्हें पीछे से पकड़ लिया. इस बार मम्मी बिलकुल भी चौकी नहीं बल्कि उन्होंने मुस्कुरा के कहा.

मम्मी – उठ गया तू चल बहार चल मैं चाय बना के लाती हु.

मैं -मम्मी चाय तो रोज ही पीता था. आज मुझे कुछ और पीना है मम्मी मेरी बात का मतलब समझ गयी. वह हसने लगी.

मम्मी – तेरा मन अभी भी नहीं भरा है क्या?

मैं – मम्मी आपसे तो मेरा मन कभी भर ही नहीं सकता है. मैं हमेशा आपको ऐसे ही प्यार करूँगा. मम्मी की गर्दन को चूमते हुए. मैंने उन्हें सीधा कर लिया. फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. मैं अपने हाथ से मम्मी की सलवार का नाडा खोलने लगा. मगर वह नाडा उलझ गया.

मम्मी -बेटा आराम से तोड़ मत देना. रुक मैं खोलती हु, मम्मी ने अपने हाथ से नाडा खोल दिया. फिर मैं वही किचन में मम्मी की गांड और चुत चाटने लगा. Sagi Mummy ki chudai kahani:

देशी मम्मी की सेक्सी चुदाई की कहानी

मम्मी भी अब खुल के मज़े ले रही थी. फिर मैंने चुत और गांड को चाट कर उनका पानी निकल दिया.चुत का पानी निकलने से मम्मी एक दम शांत और खुस हो जाती थी. जैसे की उनका सारा टेंशन ही निकल जाता था फिर मैंने खुद मम्मी की सलवार ऊपर की. मम्मी ने सलवार पेहेन ली.फिर मैं और मम्मी चाय पीने लगे.मम्मी बिलकुल मेरे पास बैठी थी.

मम्मी – चाय कैसी है बेटा.

मैं -अच्छी है मम्मी मगर जो पानी अभी मैंने पिया है. उसके आगे बेकार है.मेरी बात सुनते ही मम्मी ने एक हल्का सा थप्पड़ मेरे गाल पर लगा दिया. फिर मम्मी काम में लग गयी. मैं अपना काम करने लगा.

हम दोनों बिलकुल नार्मल हो गए. फिर कुछ देर बाद पापा भी आ गए.फिर हम सबने खाना खाया. और अपने अपने कमरे में चले गए. रात मैं सब बिलकुल शांत था.

फिर सुबह जब मैं उठा तो पापा जा चुके थे. मैं सीधा मम्मी के पास गया.वह मैक्सी पहने हुई थी. और अपना कमरा ठीक कर रही थी. और मुझे देखते ही वह स्माइल करने लगी. मैं उनके पास गया. और उन्हें बेड पर लेके गिर गया. हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे. मैं मम्मी की मैक्सी में हाथ डालने लगा. मम्मी अंदर से बिलकुल नंगी थी. और मेरा हाथ उनकी जांघो पर चल रहा था. हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे. फिर मैं मम्मी के ऊपर से उठ गया.

मैं – मम्मी मैं अभी गेट चेक करके आता हु. वह बंद है या नहीं.मगर मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. और बोली.

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मम्मी -बेटा गेट मैंने पहले ही अच्छे से बंद कर दिया है. तू उसकी चिंता मत कर.

मैं – वाह मम्मी मतलब आपको पता था की सुबह पापा के जाते ही मैं आपके पास आ जाऊंगा.

मम्मी ने कुछ कहा नहीं बस स्माइल कर दिया. और मुझे मेरा जवाब मिल गया. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मैंने जल्दी से मम्मी की मैक्सी निकाल दी. और खुद भी नंगा हो गया. मेरा लंड पहले ही तन चूका था.इस बार मम्मी ने खुद मेरा लंड पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी.

फिर मैं बेड पर लेट गया. मम्मी को अपने ऊपर खींच लिया. मम्मी भी मेरे ऊपर आ गयी थी.फिर मैंने उन्हें घुमा दिया. अब मम्मी की गांड और चुत मेरे मुँह पर थी. और हम दोनों 69 पोजीशन में थे.

मैंने मम्मी की चुत और गांड को चाटना शुरू कर दिया. मम्मी भी मज़ा आने लगा. मम्मी मेरा लंड आगे पीछे कर रही थी. और मेरा लंड उछाल मार रहा था. मुझे लगा मम्मी मेरा लंड मुँह में नहीं लेंगी. मगर कुछ ही पल बीतने के बाद मुझे गरमा गरम अहसास मिला.कमरे में चुप चुप की आवाज आने लगी.

मम्मी की गरमा गरम जीभ मेरे लंड पर घूम रही थी. मम्मी बहुत ही अच्छे तरीके से मेरा लंड चूस रही थी. बस मैं उन्हें देख नहीं पा रहा था.

फिर मैंने मम्मी को खुद के ऊपर से हटा दिया. फिर मैं बेड पर खड़ा हो गया. मेरा लंड मम्मी के थूक से चमक रहा था. मैंने अपना लंड मम्मी के मुँह के पास किया.और उन्होंने भी मेरा लंड मुँह में ले लिया. मम्मी मेरा लंड चूसने लगी. और कुछ ही देर बाद मुझे लगा की मेरा पानी निकल जायेगा.

इसीलिए मैंने अपना लंड निकाल लिया. मम्मी को भी बेड पर खड़ा कर लिया. हम दोनों फिर से किश करने लगे. फिर मैंने मम्मी को बेड पर खड़े खड़े ही झुका दिया. मम्मी बेड पकड़ के झुक गयी. मैंने अपना लंड उनकी चुत में डाल दिया. मैं मम्मी की गांड पकड़ के चुदाई करने लगा. हम दोनों के बेड पर खड़े होक चुदाई करने से बेड पूरा हिल रहा था. तभी मम्मी बोली.

मम्मी -बेटा बेड बहुत हिल रहा है. कही टूट न जाये. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मम्मी की बात सुनके मैं नीचे उतर गया. मम्मी भी नीचे आके खुद घोड़ी बन गयी. मैंने फिर से अपना लंड उनकी चुत में डाल दिया. और उनकी चुदाई करने लगा मम्मी की गांड का छेद मुझे फिर से ललचा रहा था. मैंने चुदाई करते हुए. मम्मी की गांड के छेद पर अपना थूक टपका दिया. फिर से हलके से अपनी ऊँगली अंदर करने लगा. मगर तभी मम्मी आगे हो गयी.

हॉट मम्मी की चुदाई की कहानी

मम्मी ने तुरंत पीछे मूड के देखा. और बोली. मम्मी -बेटा प्लीज वहा मत कर. बहुत दर्द होता है.


मैं मम्मी की बात मान गया. फिर से उनकी चुदाई करने लगा.कुछ देर चुदाई करने के बाद मैंने मम्मी को बेड के किनारे पर लिटा दिया. और उनकी टाँगे उठके फिर से उनकी गांड और चुत चाटने लगा.

इस बार मम्मी का हाथ भी मेरे सर पर था.वह मेरे बालो में ऊँगली घुमा रही थी. कुछ देर चुत चाटने के बाद मैंने फिर उनकी चुत में लंड डाल दिया. और उनकी टाँगे कंधे पर रखकर चुदाई करने लगा. मम्मी की चूचिया हर धक्के में उछाल रही थी. और उनके मुँह से अह्ह्ह उम् ममम की आवाज निकल रही थी.

फिर मैं उनके ऊपर झुक गया. और तेज तेज धक्के लगाने लगा. मम्मी और में आपने चरम पर थे. मम्मी का पानी भी निकलने वाला था. वह मुझे खुद से छिपाये लेती हुई थी. उनके नाखून मेरी पीठ पर चूब रहे थे. और में चुदाई में इतना खो गया की ये भूल गया की मुझे पानी बहार निकलना है. Sagi Mummy ki chudai kahani:

मैं दना दान धक्के लगाए जा रहा था. फिर कुछ ही देर में मम्मी और मैं एक साथ शांत हो गए. मेरी और मम्मी की साँसे तेज तेज चल रही थी. फिर कुछ देर बाद मैं मम्मी के ऊपर से उठ गया.मेरा पानी अंदर चला गया था. सिर्फ थोड़ा सा पानी चुत के बहार आया. मैंने मम्मी की तरफ देखा. तो वह भी मुझे ही देख रही थी.

मैं – माफ़ करना मम्मी गलती से अंदर निकल गया. मैं आपके साथ इतना खो गया था की मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरा पानी निकल गया.

मम्मी – कोई बात नहीं बेटा. मैं संभल लुंगी तू टेंशन मत ले. चल हट मैं टॉयलेट करके आती हु. मगर मम्मी के उठने से पहले ही मैंने उन्हें गोदी में उठा लिया. और उन्हें टॉयलेट ले जाने लगा.

मम्मी – क्या कर रहा है बेटा? उतार मुझे नीचे मैं बस अभी टॉयलेट करके आती हु.

मैं – मम्मी मैं भी आपको टॉयलेट ही ले जा रहा हु.

मम्मी -तो क्या अब तू मुझे टॉयलेट करता हुआ भी देखेगा.

मैं – तो मम्मी इसमें गलत क्या है. हम सब कुछ तो कर ही चुके है. अब इसमें कैसा पर्दा. वैसे भी अब आप आदत डाल लो.
मम्मी ने अपना सर पकड़ लिया. मैं उन्हें टॉयलेट सीट पर ले गया. मम्मी सीट पर बैठी बैठी मुझे ही देख रही थी. वह मुझे देख देखकर शर्मा रही थी. फिर उन्होंने टॉयलेट कर ली.और पानी से अपनी चुत धोने लगी. जैसे ही उन्होंने अपनी चुत धोयी. मैं नीचे बैठ गया. और उनकी गीली चुत को चाट के साफ़ करने लगा. मम्मी मुझे ही देख रही थी.

मेरी मम्मी की चुदाई करते हुये कहानी

और शायद सोच रही थी.की उनका बेटा उनकी चुत और गांड के लिए कितना पागल है. चुत चाटने के बाद मैंने मम्मी को शावर के नीचे खड़ा कर दिया. और वह भी हम दोनों शुरू हो गए.पुरे दिन में कई बार मैंने मम्मी की चुत और गांड को चाटा. और उन्हें भी हर बार बहुत मज़ा आया. शायद ही मम्मी की चुत ने एक दिन में इतना पानी निकला हो. मम्मी मेरे साथ अब बहुत खुस थी दोनों ने घर के हर कोने में चुदाई की. बस जब पापा होते. तो हम दोनों बिलकुल नार्मल हो जाते. Mummy ki chudai kahan:

मगर उनके जाते ही मैं मम्मी के पास चला जाता. वह जहा भी होती.उनकी सलवार को उतार के उनकी गांड और चुत चाटने लगता. यहाँ तक की कुछ टाइम बाद मम्मी मुझे देखते ही अपनी सलवार निकाल देती. मैं बिना देर किये उन्हें चरम सुख देता.

तो दोस्तों कैसे लगी मेरी स्टोरी. अगर आपको ये अच्छी लगी है. तो स्टोरी के नीचे कमेंट जरूर करे. आपके कमैंट्स ही मुझे और स्टोरी लिखने के लिए प्रेरित करते है.

इस कहानी का पिछला भाग पढ़ने के लिए:—> ट्रिप पर निकाली मम्मी की चुदाई की हवस 2

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